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3 भारतीय बल्लेबाज जिन्हे आज तक कोई गेंदबाज आउट नहीं कर पाया

क्रिकेट के खेल में अक्सर बल्लेबाज गेंदबाजों पर हावी नजर आते हैं. कई मौको पर बल्लेबाजों ने शानदार प्रदर्शन कर कई बड़े रिकॉर्ड अपने नाम किए हैं. आज हम आपको बताने जा रहे हैं तीन ऐसे भारतीय बल्लेबाजों के बारे में जो अपने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट करियर में एक बार भी आउट नहीं हुए.

I don't know why I never played for India after scoring a half-century on  debut: Faiz Fazalफैज फजल
भारत के लिए घरेलू क्रिकेट में बड़ा नाम कमाने वाले फैज फजल को कई साल पहले टीम इंडिया में भी मौका दिया गया था, लेकिन ये खिलाड़ी भारतीय टीम के लिए सिर्फ एक ही वनडे मैच खेल पाया. दरअसल 2016 में बुमराह को जिम्बाब्वे के खिलाफ मौका दिया गया था. उस दौरान फैज फजल ने नाबाद 55 रनों की पारी खेली. अपने पहले ही मैच में इतनी बेहतरीन पारी खेलने वाले इस खिलाड़ी को फिर टीम इंडिया के लिए खेलते हुए नहीं देखा गया और यही बात काफी निराशा भरी रही.

भरत रेड्डी
आजकल के युवा क्रिकेट फैंस शायद भरत रेड्डी को नहीं जानते हों, लेकिन ये खिलाड़ी भी टीम इंडिया के लिए तीन मुकाबले खेल चुका है. भरत रेड्डी ने 1978 से लेकर 1981 तक भारत के लिए तीन वनडे खेले थे, जिसमें उन्हें दो बार बैटिंग करने का मौका मिला और वो दोनों बार नाबाद रहे. इसके बाद भी भरत को भी टीम से बाहर कर दिया गया और उनका करियर बहुत लंबा नहीं चल पाया.

सौरभ तिवारी
सौरभ तिवारी ने जब इंटरनेशनल क्रिकेट में कदम रखा तो उन्हें अगला महेंद्र सिंह धोनी माना जाता था. सौरभ का अंदाज एकदम धोनी की तरह था. सौरभ ने IPL में शानदार प्रदर्शन कर टीम इंडिया में जगह बनाई थी और उन्हें ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ साल 2010 में वनडे डेब्यू का मौका मिला था. उन्होंने टीम इंडिया के लिए सिर्फ तीन वनडे मैच खेले, जिसमें वह सिर्फ दो पारियों में ही बल्लेबाजी कर पाए. सौरभ तिवारी इन दोनों पारियों में नॉटआउट रहे और फिर उन्हें दोबारा टीम इंडिया के लिए खेलने का मौका नहीं मिल पाया.

VIDEO: 15 साल बाद बुमराह ने किया युवराज जैसा कारनामा, स्टुअर्ट ब्रॉड के एक ओवर में ठोके 35 रन

शनिवार को भारतीय कप्तान जसप्रीत बुमराह ने इंग्लैंड की धरती पर बल्ले से कोहराम मचा दिया है. इंग्लैंड के खिलाफ 5वें टेस्ट में भारतीय टीम 416 रन बनाकर आउट हुई. जिसमें ऋषभ पंत और रवींद्र जडेजा ने शतकीय पारी खेली. इसके बाद जसप्रीत बुमराह ने 16 गेंद पर नाबाद 31 रन आतिशी पारी खेलकर टीम का स्कोर को 400 रन के पार पहुंचाया.

एक ओवर में 35 रन
बुमराह ने 15 साल बाद युवराज सिहं की याद दिला दी. उन्होने तेज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड के एक ओवर में 35 रन बटोरे. यह टेस्ट क्रिकेट के इतिहास का सबसे महंगा ओवर है. बुमराह ने 4 चौका और 2 छक्का लगाया. इससे पहले ब्रायन लारा ने 2002 में साउथ अफ्रीका के आर पीटरसन के खिलाफ एक ओवर में 28 रन बटोरे थे. वहीं 2013 में जॉर्ज बेली ने भी जेम्स एंडरसन के ओवर मे 28 रन बनाए थे. वहीं 2020 में केशव महाराज ने जो रूट के ओवर में 28 रन बटोरे थे.

इतिहास में पहली बार
टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में पहली बार एक ओवर में 30 या उससे अधिक रन बने. जसप्रीत बुमराह ने 84वें ओवर की पहली गेंद पर हुक करके 4 रन बटोरे. दूसरी गेंद वाइड रही और इस पर 4 रन भी गए. दूसरी गेंद पर बुमराह ने फिर हुक करके छक्का बटोरा. यह गेंद नोबॉल थी. अगली 3 गेंद पर बुमराह ने ब्रॉड पर लगातार 3 चौके जड़े. 5वीं गेंद पर बैकवर्ड स्क्वॉयर लेग पर छक्का जड़ा. अंतिम गेंद पर एक रन लिया. इस तरह से ओवर में कुल 35 रन बने. ब्रॉड ने ओवर में कुल 8 गेंद डाली. बुमराह पहली बार टीम की कप्तानी कर रहे हैं.

सबसे बड़ी व्यक्तिगत पारी
जसप्रीत बुमराह 31 रन बनाकर नाबाद रहे. यह उनका टेस्ट करियर दूसरा बड़ा स्कोर है. इससे पहले उन्होंने पिछले इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स में नाबाद 34 रन की सबसे बड़ी पारी खेली थी. वे करियर का 30वां टेस्ट खेल रहे हैं और सिर्फ 2 ही बार 30 से अधिक का स्कोर किया है. इससे पहले 2007 में टी20 वर्ल्ड कप में युवराज सिंह ने स्टुअर्ट ब्रॉड के ही एक ओवर में 6 छक्के जड़े थे.

भारतीय इतिहास के 5 सबसे तेज गेंदबाज, नम्बर 1 का रिकॉर्ड 23 सालों से हैं अटूट

इंग्लैंड दौरे के लिए टी20 भारतीय टीम में रफ्तार के सौदागर कहे जाने वाले उमरान मलिक को जगह दी गई है. उमरान ने आईपीएल में अपनी तेज रफ्तार से काफी प्रभावित किया है. उन्होने 157 की रफ्तार से गेंदबाजी कर खुद को भारत के इतिहास में सबसे तेज गेंदबाज के रूप में स्थापित कर दिया है.

उमरान से पहले कई भारतीय गेंदबाज 150 से अधिक की गेंदबाजी कर चुके हैं. ऐसे में उनके सामने 23 साल पुराने एक रिकॉर्ड को तोड़ने की भी चुनौती होगी. आईये जानते हैं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सबसे तेज गेंद फेंकने वाले भारतीय गेंदबाजों के बारे में.

ज्वागल श्रीनाथ : 154.5 किमी. प्रति घंटा (96 मील)
भारतीय टीम के लिए वनडे में 315 तो टेस्ट में 236 विकेट चटकाने वाले तेज गेंदबाज ज्वागल श्रीनाथ ने 1999 क्रिकेट वल्र्ड कप के दौरान 154.5 किमी. प्रति घंटा की रफ्तार से गेंद फेंकी थी. उनसे आगे सिर्फ शोएब अख्तर थे.

ईशांत शर्मा : 152.6 किमी. प्रति घंटा (94.8 मील)
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एमसीजी के मैदान पर ईशान ने फरवरी 2008 में 152.6 किमी. प्रति घंटा की रफ्तार से गेंद फेंकी थी. यह भारत की ओर से दूसरी सबसे तेज गेंद है.

वरुण एरोन : 152 किमी. प्रति घंटा (94.5 मील)
मजबूत कंधे वाले वरुण एरोन भारतीय टीम के लिए ज्यादा मैच नहीं खेले हैं लेकिन वह अपनी स्पीड के कारण जाने गए. वरुण ने 152 किमी. प्रति घंटा की रफ्तार से गेंदबाजी की है.

उमेश यादव : 152 किमी. प्रति घंटा (94.5 मील)
भारतीय टेस्ट टीम में बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे उमेश यादव भी 152 किमी. प्रति घंटा (94.5 मील) की रफ्तार से गेंदबाजी कर चुके हैं. उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ 2012 में ब्रिसबेन के मैदान पर यह कारनामा किया था.

आशीष नेहरा : 149.7 किमी. प्रति घंटा (93 मील)
2003 विश्व कप के दौरान इंगलैंड के खिलाफ आशीष नेहरा ने 149.7 किमी. प्रति घंटा (93 मील) की रफ्तार से गेंद फेंकी. यह मैच साऊथ अफ्रीका के खिलाफ डरबन के मैदान पर खेला गया था.

5 हज़ार से ज्यादा गेंदे फेंकी फिर भी इन 5 गेंदबाजों की बॉल पर कोई भी बल्लेबाज नहीं लगा पाया छक्का

क्रिकेट को अनिश्चताओं का खेल कहा जाता है. यहां कुछ भी नामुमकिन नहीं है. यहां किसी गेंदबाज एक ओवर में 6 छक्के लग जाते हैं, तो किसी गेंदबाज के पूरे जीवन में एक भी छक्का नहीं लगता. आज हम ऐसे ही कुछ गेंदबाजों के बारे में बात कर रहे हैं जिनकी गेंदों पर कोई भी बल्लेबाज छक्का नहीं लगा सका.

मोहम्‍मद हुसैन (पाकिस्तान)
Former Pakistan spinner Mohammad Hussain dies at 45पाकिस्‍तान के पूर्व तेज गेंदबाज मोहम्‍मद हुसैन को 1952-1953 के भारत दौरे पर पहचान मिली थी. हुसैन ने पाकिस्‍तान के लिए 27 टेस्‍ट मैच खेले. उन्‍होंने इस दौरान 5910 गेंद फेंकी और 68 विकेट लिए. उन्‍होंने भी अपने करियर में कभी छक्‍का नहीं खाया.

कीथ मिलर (ऑस्ट्रेलिया)
ऑस्‍ट्रेलिया की तरफ से 55 टेस्‍ट मैच खेलने वाले कीथ मिलर ने अपने करियर के दौरान 170 विकेट हासिल किए. उन्‍होंने इस दौरान 10 हजार 461 गेंद फेंकी, मगर एक भी ऐसी गेंद नहीं फेंकी, जिस पर कोई बल्‍लेबाज छक्‍का लगा पाए.

नील हॉक (ऑस्ट्रेलिया)
पूर्व ऑस्‍ट्रेलियाई खिलाड़ी नील हेवक ने 1963 में ऑस्‍ट्रेलिया के लिए डेब्‍यू किया था और 27 टेस्‍ट मैच खेले. उन्‍होंने 145 प्रथम श्रेणी मैच खेले थे. इस दौरान उन्‍होंने 6 हजार 987 गेंद फेंकीं और उनकी गेंदों पर भी कोई बल्‍लेबाज छक्‍का नहीं लगा पाया.

मुदस्‍सर नजर (पाकिस्‍तान)
Mudassar Nazar scores slowest Test hundred of all time | Cricket Country1976 से 1989 तक पाकिस्‍तान की तरफ से खेलने वाले मुदस्‍सर नजर ने 76 टेस्ट और 112 वनडे मैच खेले थे. यही नहीं टेस्ट की बात करें तो मुदस्‍सर नजर ने बतौर गेंदबाज 5867 गेंदे फेंकी, लेकिन कोई बल्लेबाज उन्हें एक छक्का भी नहीं जड़ सका.

डेरेक प्रिंगल (इंग्लैंड)
They could play tennis too: Derek Pringleइंग्‍लैंड के स्टार गेंदबाज डेरेक प्रिंगल को कौन भूल सकता है. केन्‍या में जन्‍में डेरेन ने अपने करियर की शुरुआत तो बतौर बल्‍लेबाज की थी, मगर उन्‍होंने मध्‍यम गति के गेंदबाज के रूप में भी अपनी पहचान बना ली. उन्‍होंने इंग्‍लैंड की तरफ से 30 टेस्‍ट मैच खेले. डेरेन ने 5 हजार 287 गेंद फेंकी और 70 विकेट हासिल किए, लेकिन कोई बल्लेबाज उन्हें एक छक्का भी नहीं जड़ सका.

रांची के जंगल में 40 रूपये वाले वैध से इलाज करा रहे हैं धोनी, जानिए क्या है माजरा?

क्रिकेट स्टार महेंद्र सिंह धोनी इन दिनों घुटनों के दर्द से परेशान हैं और इसका इलाज वह रांची के एक सुदूर गांव में पेड़ के नीचे बैठकर मरीजों को देखनेवाले वैद्य से करवा रहे हैं. आईपीएल के बाद सुर्खियों से दूर रहने वाले धोनी अब अपनी एक परेशानी की वजह से वापस खबरों में आ गए हैं.धोनी रांची से करीब 70 किलोमीटर दूर लापुंग के कातिंगकेला के बाबा गलगली धाम में बैठने वाले वैध वंदन सिंह खेरवार से अपना इलाज करा रहे हैं. वंदन ने बताया कि धोनी पिछले 1 महीने से हर 4 दिनों पर उनके पास आते हैं और जड़ी - बूटी वाली दवा से इलाज करा रहे हैं.

धोनी का चल रहा इलाज
जंगली जड़ी-बूटियों की मदद से पारंपरिक तौर पर इलाज करने वाले वैद्य बंधन सिंह खरवार का कहना है कि वह प्रत्येक मरीज की तरह धोनी से भी दवा की एक खुराक के लिए 40 रुपये चार्ज करते हैं. वैद्य बंधन सिंह खरवार रांची से लगभग 70 किलोमीटर दूर लापुंग थाना क्षेत्र के कातिंगकेला में पिछले 28 सालों से पेड़ के नीचे तिरपाल का टेंट लगाकर कई तरह की बीमारियों का इलाज करते हैं.धोनी अपने घुटने के दर्द के इलाज के लिए हर 4 दिन में एक बार वैद्य के पास जाते हैं. और, इसके लिए उन्हें फीस के तौर पर सिर्फ 40 रुपये देने पड़ते हैं. ये पढ़कर आपको हैरानी जरूर होगी लेकिन यही सच भी है.

वैद्य से लेते हैं दवा
उन्होंने बताया कि पिछले एक महीने से हर चार दिन के अंतराल पर धोनी आकर दवा की खुराक लेने पहुंचते हैं. दरअसल वैद्य जी हड्डियों की बीमारी के इलाज के लिए जो दवा तैयार करते हैं, उसे मरीजों के लिए घर ले जाने की सुविधा नहीं है. धोनी के पहले उनके माता-पिता ने इस वैद्य से इलाज कराया था. उन्हें राहत मिली तो धोनी भी वहां पहुंचे. वैद्य बंधन सिंह खेरवार ने कहा कि वह शुरू में न तो धोनी के माता-पिता को पहचानते थे और न ही पहली बार में धोनी को पहचान पाए.

धोनी की बीमारी का मसला दरअसल उनके घुटने में उठे दर्द से जुड़ा है, जिसका इलाज वो किसी बड़े डॉक्टर या अस्पताल में ना कराकर एक वैद्य से करा रहे हैं. ये भी धोनी की सादगी का एक प्रमाण ही है.सामान्य मरीज की तरह आते हैं माही
उन्होंने भी अपने बारे में कुछ नहीं बताया. जब आस-पास के युवाओं ने उनके साथ फोटो के लिए भीड़ लगायी तब उन्हें इसकी जानकारी हुई. वैद्य के अनुसार, धोनी बिना किसी तामझाम के सामान्य मरीज की तरह आते हैं. उनमें बड़ा आदमी होने का कोई गुरुर नहीं है. हालांकि अब हर चार दिन पर धोनी के यहां पहुंचने की खबर से उनके फैंस की काफी भीड़ जुटने लगी है. इसलिए अब वह गांव पहुंचकर गाड़ी में ही बैठते हैं, जहां उन्हें दवा की खुराक दी जाती है. पिछले एक महीने के दौरान गांव के कई लोगों ने उनके साथ तस्वीरें खिंचवाई हैं.

इंग्लिश बल्लेबाज ने रचा इतिहास, 441 रन की पारी खेलकर तोड़े कई रिकॉर्ड

इंग्लैंड के 20 साल के बल्लेबाज फिनले बीन (finlay bean) ने घरेलू क्रिकेट में कमाल कर दिया. फिनले बीन (finlay bean) ने 441 रन जड़कर एक पल में कई सारे रिकॉर्ड धवस्त कर दिए. बीन ने यह कमाल काउंटी की दूसरी एकादश में नॉटिंघमशर के खिलाफ यॉर्कशर की तरफ से खेलते हुए किया.

मार्कस ट्रेस्कोथिक का 25 साल पुराना रिकॉर्ड किया ध्वस्त

बीन ने अपनी पारी के दौरान 11 घंटे से भी ज्यादा समय तक बल्लेबाजी की. बीन (finlay bean) ने इसके साथ ही मार्कस ट्रेस्कोथिक का रिकॉर्ड तोड़ा. जिन्होंने 25 साल पहले समरसेट के खिलाफ 322 रन की पारी खेली थी. इसके साथ ही बीन (finlay bean) सबसे बड़ी पारी खेलने के मामले में लारा को भी पीछे छोड़ा.

यॉर्कशर ने 4 विकेट पर बनाये 814 रन

हालांकि लारा ने 400 रन की नाबाद पारी अन्तराष्ट्रीय लेवल पर खेली थी. बीन की पारी की बदौलत यॉर्कशर ने 800 रन से भी ज्यादा का स्कोर खड़ा किया. यॉर्कशर ने 4 विकेट पर 814 रन बनाकर पारी घोषित की. बीन (finlay bean) अपनी 441 रन की पारी में 518 गेंदों पर 52 चौके और 3 छक्के जड़े. आपको बता दें यॉर्कशर के लिए उनका पिछला सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 72 रन का था.

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टी20 रैंकिंग में बाबर की बादशाहत बरकरार, कोहली का 1013 दिनों का रिकॉर्ड तोड़ा

इंडिया-आयरलैंड टी 20 सीरीज के बाद ICC ने लेटेस्ट टी-20 रैंकिंग की घोषणा कर दी है. पाकिस्तान के बाबर आजम (Babar Azam) नंबर 1 पर कायम हैं तो वहीं भारतीय दिग्गज विराट कोहली (Virat Kohli) आईसीसी टी-20 रैंकिंग के टॉप 10 से बाहर हो गए हैं.

आईसीसी द्वारा जारी टॉप 10 लिस्ट में दूसरे नंबर पर पाकिस्तान के मोहम्मद रिजवान हैं तो वहीं नंबर 3 पर साउथ अफ्रीका के एडन मार्क्रम मौजूद हैं. नंबर 4 पर डेविड मलान काबिज हैं. ऑस्ट्रेलिया के एरोन फिंच नंबर 5 पर अपनी जगह बना पाने में सफल रहे हैं.

नवीन रैंकिंग में नंबर 6 पर डेवॉन कॉन्वे तो वहीं भारत के ईशान किशन नंबर 7 पर मौजूद हैं. नंबर 8 पर श्रीलंका के पाथुम निसानका मौजूद हैं. नंबर 9 पर मार्टिन गप्टिल और रासी वान डर डुसेन को जगह दी गई है.

बाबर आजम ने टी 20 रैंकिंग में रचा इतिहास

To Evaluate Babar Azam With The Likes Of Steve Smith, Joe Root Or Virat Kohli Will Be Unfair – Mohammed Shami - Crickettrबल्लेबाजी के मोर्चे पर बाबर भारतीय पूर्व कप्तान विराट कोहली को लगातार पछाड़ रहे हैं लेकिन अब आईसीसी रैंकिंग में भी उनके आगे लगातार निकलते जा रहे हैं. अब बाबर टी-20 इंटरनेशनल रैंकिंग में लगातार सबसे ज्यादा दिनों तक नंबर वन पर रहने वाले बल्लेबाज बन गए हैं. बाबर अबतक T20I में कुल 1,025 दिनों तक लगातार नंबर वन की कुर्सी पर विराजमान हैं.

बता दें कि विराट कोहली के नाम टी-20 रैंकिंग में कुल 1013 दिनों तक नंबर वन की कुर्सी पर विराजमान होने का रिकॉर्ड दर्ज था, जो अब बाबर ने अपने नाम कर लिाय है. वहीं, इस मामले में नंबर 3 पर केविन पीटरसन हैं जो नंबर एक पर टी-20 रैकिंग में 729 दिनों तक रहे थे.

आपको बता दें बाबर आजम दुनिया के इकलौते बल्लेबाज हैं जो तीनों फॉर्मेट में आईसीसी रैंकिंग में टॉप 5 में बने हुए हैं. बाबर वनडे और टी20 रैंकिंग में नंबर 1 हैं और टेस्ट में उनकी रैंकिंग 4 है.

जिससे मांगी मर्ज की दवा उसी को दिल दे बैठे, जानिए यूसुफ पठान के बारे में

भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार पूर्व ऑलराउंडर खिलाड़ी युसूफ पठान की पहचान आक्रमक खेल के लिए रही है. वडोदरा के गरीब परिवार में जन्में इस खिलाड़ी ने अपने खेल से दुनिया में अपने नाम का लोहा मनवाया. उन्होंने साल 2007 में भारत के लिए डेब्यू किया था. मैदान पर यूसुफ जितने आक्रमक नजर आते हैं रियल लाइफ में उतने ही नरम और जमीन से जुड़े इंसान नजर आते हैं. जानते हैं उनकी पर्सनल लाइफ से जुड़ी कुछ खास बातें.

मस्जिद में करते थे प्रैक्टिस
युसूफ पठान का जन्म 17 नवंबर साल 1982 में गुजरात स्थित वडोदरा शहर में हुआ था. उनका बचपन बेहद गरीबी में बीता है. उनके पास ना घर था और ना ही शौचालय. उनके पिता महमूद खान मस्जिद में रहा करते थे. बताते हैं कि इसी मस्जिद के बरांडे में यूसुफ और उनके छोटे भाई इरफान क्रिकेट खेला करते थे.

2007 में किया डेब्यू
दोनों भाइयों ने अपनी मेहनत के दम पर भारतीय क्रिकेट टीम में अपनी जगह बनाई. यूसुफ पठान ने अपने इंटरनेशनल क्रिकेट करियर की शुरुआत टी20 में पाकिस्तान के खिलाफ फाइनल मैच खेलकर की थी. वीरेंद्र सहवाग चोटिल होने की वजह से उन्हें टीम में शामिल किया गया था. उन्होंने इस मैच में 8 गेंद पर 15 रन बनाए थे. इसमें एक चौका और एक छक्का शामिल था.

यूसुफ ने देश के लिए कुल 22 T20 इंटरनेशनल मुकाबले खेले. जिसमें उनके बल्ले से 236 रन निकले. इसके अलावा उनके नाम 57 वनडे में 810 और 174 आईपीएल मैचों में 3204 रन हैं. उन्होंने भारत के लिए 2007 और 2011 वर्ल्डकप में भी भाग लिया था और जीत में अहम भूमिका निभाई थी.

फिजियोथेरेपिस्ट से की शादी
यूसुफ पठान की पर्सनल लाइफ की बात की जाए तो, उन्होंने आफरीन नाम की लड़की के साथ 27 मार्च साल 2013 में शादी की थी. उनकी पत्नी आफरीन मुंबई मे ही पली बढ़ी है और वह पेशे से एक फिजियोथेरेपिस्ट है.Yusuf Pathan's Marriage With Afreen: Their Short Sweet Love Tale

दोनों की लव स्टोरी की शुरुआत फिजियोथेरेपी के दौरान ही हुई, जब 2011 में यूसुफ फिजियोथेरेपिस्ट आफरीन के पास अपने फिटनेस चैकअप के लिए गए. आफरीन उन दिनों वडोदरा में प्रैक्टिस करती थीं. यूसुफ जब आफरीन से मिले तो उन्हें पहली नजर में ही प्यार हो गया. आफरीन को भी यूसुफ भा गए. बाद में पता चला कि दोनों वडोदरा में कभी पड़ोसी थे. एक साल के अफेयर के बाद, दोनों ने मार्च 2012 में सगाई कर ली. इसके बाद 27 मार्च 2013 को दोनों शादी के बंधन में बंध गए.

यूसुफ पठान की पत्नी आफरीन दिखने में बेहद ही खूबसूरत नजर है, लेकिन अक्सर वह बुर्क़ा पहने ही नजर आती है. हालांकि, यूसुफ अपने परिवार के साथ अपनी तस्वीरें शेयर करते रहते हैं.

अफ्रीकी बल्लेबाज का करिश्मा, वनडे में 57 छक्के जड़कर ठोके 490 रन, 50 ओवर में बने 677 रन

क्रिकेट को अनिश्चिताओं का खेल कहा जाता है. अनिश्चिताओं के इस खेल में आए दिन कुछ नये रिकॉर्ड बनते है और कुछ पुराने टूटते है.

लेकिन कुछ रिकॉर्ड ऐसे भी बनते है जो इतने अनूठे होते है की उनकी कल्पना भी कोई नहीं कर सकता. ऐसा ही एक रिकॉर्ड देखने को मिला द. अफ्रीका में. जब एक बल्लेबाज ने वनडे क्रिकेट में इतना बड़ा स्कोर बना दिया जितना की टेस्ट मैच में बना पाना भी कोई आम बात नहीं होती है. हैरान कर देने वाली इस पारी में बल्लेबाज ने 57 छक्के जमाएं.South African batsman Shane Dadswell scores 490 runs in a 50-over match | Sports News,The Indian Expressद. अफ्रीका के शेन डेडस्वेल ने एक घरेलू क्रिकेट मैच के दौरान यह एतिहासि​क पारी खेली. डेडस्वेल ने इस मैच में 151 गेंदो पर 490 रन का विशाल स्कोर बना डाला. अपनी इस अद्भुत और रिकॉर्ड पारी में उन्होने 27 चौके और 57 छक्के उड़ाएं.

शॉन डेडस्वेल का इससे पहले सर्वोच्च स्कोर 42 रन था
शेन डेडस्वेल ने यह कारनाम द. अफ्रीका की घेरलू टीम एनडब्लयू पुके की तरफ से खेलते हुए किया. डेडस्वेल की इस पारी की बदौलत उनकी टीम ने पांच डौर्प के सामने निर्धारित 50 ओवर में 677 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया.

डेडस्वेल ने यह पारी अपने 20वें जन्म दिन पर खेली थी. आपको जानकर हैरानी होगी की इससे पहले डेडस्वेल का सर्वाधिक व्यक्तिगत स्कोर सिर्फ 42 रन था. वह अंडर-15 से बतौर विकेट कीपर खेलते आ रहें है.

अपनी इस रिकॉर्डतोड़ पारी के साथ ही वे एकदिवसीय क्रिकेट में सबसे बड़ा व्यक्तिगत स्कोर बनाने वाले बल्लेबाज बन गये है. इससे पहले इंग्लैण्ड के अली ब्रायन ने 268 रन की पारी खेली थी. अर्न्तराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे बड़ा व्यक्तिगत स्कोर भारत के रोहित शर्मा के नाम है. जिन्होने श्रीलंका के खिलाफ 264 रन की पारी खेली थी.